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पहली बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल: 13 लाख का तालाब निर्माण के दो माह में ही फूटा, ग्राम पंचायत पड़मनिया के ग्रामीणों की मांग- कराई जाए जांच
MP के अनूपपुर ग्राम पंचायत में विकास जल संवर्धन के लिए गर्मी के दिनों में तालाब का निर्माण किया जाता है।

लेकिन यह तालाब किस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हैं। उसका नमूना जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पड़मनिया में देखा जा सकता है। ग्राम पड़मनिया अंतर्गत वीजाडांड में एक तालाब पहली बारिश में ही फूट गया और तालाब का पूरा पानी खाली हो गया।
कुल मिलाकर निर्माण के करीब दो माह में ही तालाब का इस कदर से फूटना, कहीं न कहीं गुणवत्ता और मापदंडों के पालन को लेकर की गई अनदेखी और जिम्मेदारों के भ्रष्टाचारिता को उजागर करता है। क्षेत्रवासियों ने कहा कि, यदि ग्राम पंचायत में कराए गए इस कार्य की वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच कराई, तो निश्चित रूप से सचिव इंजीनियर और एसडीओ की सांठगांठ से हुए इस घटिया निर्माण की पोल खुल सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार बीजाडांड में मनरेगा से लगभग 13 लाख रुपए का तालाब बनाया गया है। जिसका निर्माण कार्य जून में पूरा हुआ है। बताया जाता है कि, इस तालाब निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार की होली खेली गई। यही कारण है कि, यह तालाब पहली बरसात भी न झेल सका और बीते गुरुवार को यह तालाब फूट गया। तालाब के फूट जाने से तालाब का पूरा पानी आसपास की जमीन और खेतों में फैल गया। जिससे लोगों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
इस संबंध में जब ग्राम पंचायत पड़मनिया के सचिव दरियाब सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि, 13 लाख रुपए में निर्माण कार्य कराया गया है। उनकी बातों में कई तरह का विरोधाभास भी झलक रहा है। एक बार वह कहते हैं कि, तालाब अधूरा था। फिर कहते है कि तालाब में पानी ज्यादा होने के कारण नाली से पानी निकल गया। कभी वे यह कहने लगते हैं कि, अभी निर्माण कार्य अधूरा है और उसे जल्द पूरा कराया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर तालाब के फूट जाने से सब इंजीनियर की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। क्योंकि, निर्माण कार्य की तकनीकी जांच का जिम्मा सब इंजीनियर के ही कंधों पर होती है। लोगों की मांग है कि, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इस तालाब निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और निर्माण से संबंधित सचिव, सब इंजीनियर और एसडीओ से राशि की वसूली की जानी चाहिए।