Gulshan Kumar Abhinandan

Gulshan Kumar Abhinandan

"पत्रकारिता का एकमात्र उद्देश्य सेवा होना चाहिए. अख़बारी प्रेस एक महान शक्ति है, लेकिन जिस तरह पानी का अनियंत्रित प्रवाह पूरे देश को जलमग्न कर देता है. और फसलों को तबाह कर देता है, ठीक उसी तरह एक अनियंत्रित कलम भी सेवा के बजाए तबाह करने का कार्य करता है". ये माहत्मा गाँधी के बोले हुए शब्द है और ये शब्द मुझे पत्रकारिता की दुनिया में अपने काम को निष्पक्ष भाव से करने के लिए मुझे प्रेरित करते है, पत्रकारिता मेरे लिए वो हथियार है जिसका इस्तेमाल कर के हम समाज को एक बिहतर फैसला लेने में मदद कर सकते है, और इसलिए ये जरूरी है की जब हमारे कलम उठे और कुछ लिखे तो वो निष्पक्ष हो , बिना भेद भाव के हो , बिना धर्मवाद और जातिवाद के हो, ताकि हम भारत देश को चौथे स्तंभ के रूप में विकाश की ओर ले जाये

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