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- Hollywood कलाकारों के...
Hollywood कलाकारों के लिए ज्वेलरी बना रहे इंदौरी लड़के की कहानी, पत्नी है फौजी...
इंदौर के एक ऐसे शख्स की कहानी, जिसने अमेरिका की सड़कों पर कभी जवानी में चश्मे बेचे, तो कभी सेल फोन। लेकिन कभी अपना सपना नहीं छोड़ा।

इंदौर का एक ऐसा शख्स जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी अमेरिका की सड़कों पर जवानी में चश्मे बेचे और कभी सेलफोन लेकिन अपने सपने को नहीं छोड़ा, हालांकि उसे हॉलीवुड में सीधे जाने का मौका नहीं मिला लेकिन उसने ऐसा कर दिखाया कि उसे हॉलीवुड एक्टर भी खूब पसंद करने लगे। आज उसकी तकदीर कुछ ऐसी बदली की वह कलाकारों के लिए ज्वेलरी डिजाइन करता है और सप्लाई करता है।
विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले इस इंदौरी शख्स का नाम अभिषेक वायरस है जिसकी उम्र 36 वर्ष है अभिषेक को 12 साल की उम्र से ही हॉलीवुड इंडस्ट्री से बहुत लगाव हो गया था जिसकी वजह से उसे चश्मे भेजने पड़े और आज चश्मा बेचते बेचते वह हॉलीवुड के की पसंद बन चुका है।
अभिषेक की कहानी अभिषेक के जुबानी
अभिषेक जब अपने गांव इंदौर पहुंचा तो उसने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मेरी उम्र 12 से 13 साल की रही होगी पापा के साथ इंदौर के क्रिएटर्स में हॉलीवुड मूवी देखने जाया करता था, उस वक्त मन में यह ख्याल आते थे कि क्यों ना एक्टिंग की दुनिया में कदम को बढ़ाया जाए लेकिन डर इस बात का लगता था कि क्या मुझे वहां जगह मिल सकती है? इस बात को मैं अपनी मम्मी को बताया तो उन्होंने कहा कि कॉलोनी स्कूल और एनुअल कंपटीशन में जाकर पहले स्टेज ऑडिशन को फेस करना सीख लो।
जिसके बाद 19 साल की उम्र में मैं अमेरिका जाने का फैसला लिया तो पिता जी आने-जाने का इंतजाम कर दिया, लेकिन किराया इतना था कि मेरे पास जितने पैसे थे उसमें से अस्सी परसेंट पैसे तो केवल किराए और घर लेने में खर्च हो गए बाकी काफी किताबों का खर्च और खाने का खर्च उठाने के लिए वहां मैं एक साथ चार चार नौकरिया करता था, हालांकि मुझे सीखना है बिजनेस था लेकिन वहां स्टडी के दौरान होने वाले कुछ प्रोग्रामों में मुझे हॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार से भी मिलने का मौका मिल जाता था उस वक्त मेरी उम्र 28 साल हो गई थी इसीलिए अपने टारगेट के हिसाब से लर्निंग भी शुरू कर दिया था।
और आखिरकार मुझे एक मौका मिला और एक्टिंग के लिए प्लेटफार्म भी उसे लोकल प्लेटफार्म के सकते हैं लेकिन था तो, मैंने अमेरिका के शहर फ्लोरिडा में थिएटर का काम शुरू कर दिया लाइव क्रिएटर फीडलर ऑफ द रूप में भी काम करने लगा इसमें मुझे रशियन विलेन का रोल मिलता था मेरे लिए विलेन केदार नहीं था बल्कि एक सुनहरा मौका था यही फोकस पर में टिका रहा इसे मैंने इस दुनिया में एक एंट्री की तरह ही देखते हुए काम को आगे बढ़ाया और काम करता रहा।
इसके बाद मुझे 15 शॉर्ट फिल्म और 5 फ्यूचरिस्टिक फिल्मों में काम करने का मौका मिल गया हाल ही में एक सीरियल अमेज़न पर रिलीज हुआ लेकिन मौके विलेन के रोल के ही अधिकतर मिलते गए, ऐसा नहीं था कि मैंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कोशिश नहीं की मैंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी काम करने के लिए कोशिश की मेरी बात यशराज फिल्म से भी चल रही है लेकिन मुझे कहा गया है कि इसके बाद आपको मुंबई में ही शिफ्ट होना होगा या मेरे लिए संभव तो नहीं है।