मध्य प्रदेश में बुनियादी ढांचे और सड़क कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत करने की दिशा में मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के विकास की रफ्तार को दोगुना करने के लिए अब 106 किलोमीटर लंबे एक महत्वपूर्ण मार्ग को फोरलेन हाईवे में तब्दील करने की योजना को हरी झंडी मिल गई है। लगभग 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाला यह हाईवे न केवल यात्रियों के समय की बचत करेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास के नए द्वार भी खोलेगा।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य और स्वरूप
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों और प्रमुख शहरों के बीच निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है। वर्तमान में यह मार्ग संकरा होने और बढ़ते ट्रैफिक के कारण दुर्घटनाओं का केंद्र बनता जा रहा था। इसे 'नए सिरे से' बनाने का अर्थ है कि इसमें पुराने बुनियादी ढांचे को पूरी तरह अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम, साइनबोर्ड और सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
विकास की नई इबारत: हाईवे की खासियतें
चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण: 106 किलोमीटर की इस दूरी को पूरी तरह से फोरलेन किया जाएगा। इससे भारी वाहनों (ट्रकों और डंपरों) को निकलने में आसानी होगी।
300 करोड़ का निवेश: इतनी बड़ी राशि का निवेश सड़क की गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा, जिससे अगले कई दशकों तक यह मार्ग खराब नहीं होगा।
सुरक्षा मानक: इस हाईवे पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। डिवाइडर और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी की जाएगी।
इन क्षेत्रों को मिलेगा सीधा लाभ
यह हाईवे जिन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, वहां की रियल एस्टेट वैल्यू में भारी उछाल आने की संभावना है। स्थानीय व्यापारियों के लिए माल की ढुलाई सस्ती और तेज हो जाएगी। विशेषकर किसान अपनी उपज को जल्द से जल्द बड़ी मंडियों तक पहुंचा सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
"सड़कें किसी भी राज्य की प्रगति की धमनियां होती हैं। इस 106 किमी लंबे फोरलेन से न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।"
रोजगार और अर्थव्यवस्था पर असर
निर्माण कार्य शुरू होते ही स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों की आवश्यकता होगी। हाईवे के किनारे नए ढाबे, पेट्रोल पंप और छोटे उद्योगों के विकसित होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस प्रोजेक्ट को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए ताकि जनता को जल्द इसका लाभ मिल सके।
यातायात और लॉजिस्टिक्स में सुधार
वर्तमान में इस मार्ग पर सफर करने में जो समय लगता है, फोरलेन बनने के बाद उसमें लगभग 30% से 40% की कमी आने की उम्मीद है। फ्यूल की खपत कम होगी और वाहनों के रखरखाव का खर्च भी घटेगा। यह हाईवे मध्य प्रदेश के लॉजिस्टिक हब बनने के सपने को साकार करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।