Jabalpur CGST Officer Bribe Case: होटल कारोबारी से 4 लाख रिश्वत लेते अफसर गिरफ्तार

जबलपुर में CGST विभाग के अधिकारी को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। होटल कारोबारी पर 1 करोड़ का टैक्स निकालकर सेटलमेंट के बदले घूस मांगी गई थी। पढ़ें पूरी खबर।

 
Tax Officer Bribery News Hindi

जबलपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सामने आई है। केंद्रीय जीएसटी (CGST) विभाग के एक अधिकारी को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अधिकारी ने एक होटल कारोबारी पर करीब 1 करोड़ रुपये का टैक्स निकाला था और मामले को सेटल करने के बदले भारी रिश्वत की मांग की जा रही थी।

मामला जबलपुर के एक प्रतिष्ठित होटल कारोबारी से जुड़ा है, जिसके खिलाफ CGST विभाग द्वारा टैक्स चोरी के आरोप में जांच की जा रही थी। जांच के बाद अधिकारी ने कारोबारी पर लगभग 1 करोड़ रुपये का टैक्स निर्धारण किया। इसके बाद आरोपी अधिकारी ने टैक्स की रकम कम कराने और मामले को निपटाने के नाम पर रिश्वत की डिमांड शुरू कर दी।

 सेटलमेंट के नाम पर मांगी जा रही थी घूस

सूत्रों के मुताबिक, CGST अधिकारी ने होटल कारोबारी से कहा था कि अगर वह रिश्वत की रकम दे देता है तो टैक्स केस को “सेटल” कर दिया जाएगा और भारी पेनल्टी से भी राहत मिल जाएगी। पहले चरण में 4 लाख रुपये की मांग की गई, जिसे लेने के दौरान ही जाल बिछाया गया।

 ट्रैप कार्रवाई में पकड़ा गया अफसर

कारोबारी ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए पूरे मामले की शिकायत संबंधित एजेंसी से की। शिकायत की पुष्टि के बाद टीम ने ट्रैप योजना बनाई। जैसे ही आरोपी CGST अधिकारी ने 4 लाख रुपये की रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के समय रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि अधिकारी पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकता है।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस

आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या इस मामले में कोई अन्य अधिकारी या बिचौलिया भी शामिल था।

 होटल कारोबारियों में आक्रोश

इस घटना के बाद होटल और व्यापारिक संगठनों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि टैक्स अधिकारियों द्वारा डराकर और दबाव बनाकर रिश्वत मांगना एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 विभागीय जांच के आदेश

CGST विभाग ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आरोपी अधिकारी को निलंबित किया जा सकता है और उसके पिछले मामलों की भी जांच होगी।

यह मामला एक बार फिर सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलता है और यह दिखाता है कि कैसे सेटलमेंट के नाम पर कारोबारियों से अवैध वसूली की जाती है।

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