MP के प्रमुख शहर बनेंगे मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र, तेज़ होगा विकास का पहिया

MP News metropolitan area jabalpur gwalior: ​भोपाल और इंदौर होंगे मेट्रो रीजन; जबलपुर, ग्वालियर भी जल्द होंगे शामिल.
 
MP News metropolitan area jabalpur gwalior
 ​मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के शहरी और आसपास के क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत, राज्य के प्रमुख शहरों को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (Metropolitan Area) घोषित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में एकीकृत विकास नीति के तहत आवास, रोज़गार, परिवहन, और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का व्यापक विस्तार करना है।
​   किन शहरों को मिलेगा 'मेट्रोपॉलिटन' का दर्जा?
​प्रारंभिक चरण में, प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन (Metropolitan Region) बनाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल्द ही जबलपुर और ग्वालियर को भी महानगरीय क्षेत्र घोषित करने के निर्देश दिए हैं।
​  विस्तारित मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र
​भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र: इसमें भोपाल के साथ-साथ सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिले शामिल होंगे।
​इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र: इसमें इंदौर के साथ उज्जैन, देवास और धार जिले शामिल होंगे।
​इन क्षेत्रों के विकास की कमान मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी संभालेगी, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे।
​यह पहल शहरी विकास की एक एकीकृत नीति बनाने के लिए की गई है, जिससे ग्रामीण, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों को समान रूप से विकास का लाभ मिल सके।
​  हाई-स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे का जाल
​मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के विकास और समग्र प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कई हाई-स्पीड कॉरिडोर (High-Speed Corridors) और नए एक्सप्रेस-वे (Expressways) के निर्माण और विस्तार पर ज़ोर दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य सड़क नेटवर्क के घनत्व को राष्ट्रीय स्तर के करीब ले जाना है।
​प्रमुख गलियारे और परियोजनाएँ
​इंदौर-भोपाल हाई-स्पीड एक्सप्रेस-वे: दोनों प्रमुख शहरों को लगभग डेढ़ से दो घंटे की दूरी पर लाने के लिए एक हाई-स्पीड एक्सप्रेस-वे को अंतिम रूप दिया गया है। यह 2028 के सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों का भी एक प्रमुख हिस्सा है।
​उज्जैन-इंदौर कॉरिडोर: उज्जैन और इंदौर के बीच हाई-स्पीड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, जो यात्रा के समय को काफी कम करेगा।
​भोपाल पूर्वी बायपास: यह परियोजना भी हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित की जाएगी।
​ग्रीनफील्ड कॉरिडोर: प्रदेश में 6-लेन और 4-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का व्यापक नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
​भोपाल से मंदसौर के बीच एक ग्रीनफील्ड फोरलेन बनने जा रहा है, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी लगभग 100 किमी तक घट जाएगी।
​भोपाल से जबलपुर के बीच 255 किलोमीटर लंबा नया ग्रीन फील्ड हाई-वे बनाने की योजना है।
​उज्जैन-गरोठ 4 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे और भोपाल से कानपुर तक 440 किलोमीटर लंबा 4 लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है।
​हाईवे विस्तार: सतना-चित्रकूट, रीवा-सीधी, बैतूल-खंडवा-इंदौर और जबलपुर-झलमलवाड़ा जैसे राष्ट्रीय महत्व के हाईवे का भी विस्तार किया जाएगा, जिससे शहरों के बीच की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
​ मेट्रो सेवाओं का विस्तार
​प्रदेश में मेट्रो सेवाओं का भी तेजी से विस्तार हो रहा है।
​इंदौर में मेट्रो का संचालन पहले ही शुरू हो चुका है (सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर)।
​राजधानी भोपाल में भी 21 दिसंबर से एम्स से सुभाष नगर तक साढ़े सात किमी प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का व्यावसायिक संचालन शुरू होने जा रहा है।
​मेट्रो परियोजनाओं से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था आधुनिक होगी, जिससे ट्रैफिक का दबाव और प्रदूषण कम होगा, साथ ही शहरों के प्रमुख इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
​  विकास के मुख्य लक्ष्य
​मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अनुसार, इन बड़े प्रोजेक्ट्स का मुख्य उद्देश्य 'विरासत से विकास' के मूल मंत्र को साकार करना है।
​रोज़गार के अवसर: मेट्रोपॉलिटन सिटी विकसित होने पर युवाओं को क्षेत्र में ही रोज़गार के नए और बेहतर अवसर मिलेंगे।
​बुनियादी ढाँचा: सड़क, पुल, और अन्य बुनियादी संरचनाओं के विकास से जनकल्याण और जीवन स्तर में सुधार आएगा।
​आर्थिक गति: बेहतर कनेक्टिविटी, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडियों को हाई-स्पीड कॉरिडोर से जोड़ने से, प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
​ग्रीन बिल्डिंग: भवन निर्माण में 'ग्रीन बिल्डिंग' संकल्पना और वास्तु-विज्ञान का ध्यान रखा जाएगा, जिससे ऊर्जा की बचत हो सके।
​समयबद्ध कार्य: परियोजनाओं को गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार के साथ समयबद्ध तरीके से पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
​इन विशाल परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश अगले कुछ वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

Tags