भोपाल के कचरे से बनेगी MP की पहली 10-लेन सड़क: ₹836 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट, पर्यावरण और बचत का डबल फायदा

मध्य प्रदेश की पहली 10-लेन सड़क परियोजना में भोपाल के 10 लाख मीट्रिक टन ठोस कचरे का उपयोग होगा। ₹836 करोड़ की लागत से 16 किमी लंबी यह सड़क 2 साल में बनेगी। 
 
Bhopal Waste Management Road Project
​मध्य प्रदेश (MP) की राजधानी भोपाल जल्द ही एक ऐतिहासिक और पर्यावरण-हितैषी सड़क परियोजना का गवाह बनने जा रही है। शहर के लाखों मीट्रिक टन कचरे का उपयोग करके राज्य की पहली 10-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे इस मेगा प्रोजेक्ट पर लगभग ₹836 करोड़ खर्च होने का अनुमान है और इसे दो साल की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
​  कचरा बना संसाधन: 10 लाख मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट का उपयोग
​इस परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण और अभिनव विशेषता यह है कि सड़क निर्माण में भोपाल नगर निगम (BMC) के 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक संचित सॉलिड वेस्ट (ठोस कचरे) का उपयोग किया जाएगा।
​सड़क की लंबाई और रूट: यह 10-लेन की सड़क लगभग 16 किलोमीटर लंबी होगी, जो रत्नागिरी से आश्रम चौराहा तक फैलेगी।
​उपयोग का तरीका: कचरे का उपयोग मुख्य रूप से सड़क निर्माण के दौरान गैप फिलिंग और साइड फिलिंग के लिए किया जाएगा, जो निर्माण की नींव को मजबूत बनाने में सहायक होता है।
​इस पहल से न केवल एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा विकसित होगा, बल्कि पर्यावरण और शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में भी एक बड़ी समस्या का समाधान होगा।
​   कचरे की गुणवत्ता जांच: निर्माण के लिए उपयुक्त
​NHAI ने भोपाल नगर निगम को इस संबंध में औपचारिक प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद आदमपुर खंती (डंपिंग साइट) से ठोस कचरे के सैंपल लिए गए। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इन सैंपलों की चार अलग-अलग तरह की लैब टेस्टिंग कराई गई, जिसमें कचरे को सड़क निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया है।
​   नगर निगम को ₹5 करोड़ की सीधी बचत
​यह परियोजना भोपाल नगर निगम के लिए दोहरी खुशी लेकर आई है:
​कचरा निपटान की समस्या का समाधान: इस कचरे का उपयोग होने से आदमपुर खंती पर जमा 3 लाख मीट्रिक टन से अधिक के पुराने 'लिगेसी वेस्ट' के पहाड़ को खत्म करने में मदद मिलेगी। इससे शहर को एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या से मुक्ति मिलेगी।
​वित्तीय लाभ: वर्तमान में, नगर निगम को इस कचरे के प्रोसेसिंग और निपटान पर सालाना ₹5 करोड़ से अधिक खर्च करना पड़ता है। सड़क निर्माण में इस कचरे का उपयोग होने से निगम को सीधे तौर पर इस राशि की बचत होगी, जो एक महत्वपूर्ण वित्तीय राहत है।
​   परियोजना का क्रियान्वयन और समयरेखा
​इस बड़े प्रोजेक्ट का टेंडर राजस्थान की एक निजी कंपनी को मिला है। NHAI ने जल्द से जल्द काम शुरू करने की तैयारी कर ली है। अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही ट्री कटिंग की अनुमति मिलती है, सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 836 करोड़ रुपये की लागत वाली यह सड़क 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगी।
​   यह एक नया मॉडल
​यह कदम मध्य प्रदेश और देश के अन्य शहरों के लिए एक नई मिसाल कायम करेगा। कचरे का उपयोग करके मजबूत और टिकाऊ सड़क बनाने का यह 'वेस्ट रोड मॉडल' न केवल शहरी क्षेत्रों की कचरा प्रबंधन समस्या को कम करेगा, बल्कि निर्माण सामग्री के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता को भी कम करेगा। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह साबित करता है कि कचरा वास्तव में एक मूल्यवान संसाधन हो सकता है।
​इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने पर, भोपाल को एक आधुनिक 10-लेन सड़क मिलेगी, जो शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी और साथ ही, शहर को उसके कचरे के बोझ से भी मुक्त करेगी।

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