रीवा के नर्सिंग घोटाले में फंसे नायब तहसीलदार का नया कारनामा, विवादित भूमि के सीमांकन में जल्दबाजी बनी सिरदर्द, कलेक्टर ने भी लिया मामले में संज्ञान
पूर्व डिप्टी कमिश्रर के फर्जी हस्ताक्षर की नहीं कराई जांच, सीमांकन के जारी कर दिए आदेश.
                                         Sat, 13 Jul 2024
                                            
                                        
                                    
                                        
                                    
मध्य प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले में फंसे रीवा के नायब तहसीलदार अपने कारनामों को लेकर आए दिन चर्चा में बने ही रहते हैं। एक बार फिर  भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप है। इतना ही नहीं उनके साथ साठगांठ कर विवादित भूमियों के सीमांकन नायब तहसीलदार द्वारा उनका सीमांकन कराकर खरीदी-विक्री भी कराए जाने का आरोप है। हालांकि वरिष्ठ अधिकारी उन पर अब लगाम लगाने गंभीरता जता रहे हैं। ऐसें ही एक मामले में नायब तहसीलदार को एसडीएम आईएएस वैशाली जैन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामला पूर्व डिप्टी कमिश्रर राजस्व नवीन तिवारी से जुड़ा हुआ है। सीमांकन के लिए किए गए आवेदन में उनका हस्ताक्षर फर्जी बताया जा रहा है। इस आरोप को जब सभी तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गयाा तो यतीश शुक्ला ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और सीमांकन के आदेश जारी कर दिए। जिसके बाद एसडीएम ने नोटिस जारी कर नायब तहसीलदार से तत्थ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है।
क्या है मामला
बताया गया कि वार्ड क्रमांक 26 लालन टोला बदराव में विवादित भूमि है, जिसका प्रकरण जिला न्यायालय में चल रहा है। भूमि स्वामी महेन्द्र तिवारी ने बताया कि उनकी जमीन में उनके सभी चाचा जिसमें पूर्व डिप्टी कमिश्रर राजस्व नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी सहित अन्य ने अपना नाम चढ़वा लिया था। अधिनस्थ न्यायालय से सभी खसरा नंबरों पर 1/6 का हिस्सा दे दिया गया है। जिसकी अपील उनके द्वारा जिला न्यायालय में की गई है जो प्रकरण विचाराधीन है। जब न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन था तभी इस विवादित भूमि का बंटवारा कर सबके नाम तत्कालीन तहसीलदार द्वारा खसरा नंबर बटांकित कर चढ़ा दिया गया। इनमें से मीना तिवारी सहित नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी, दुर्गा प्रसाद तिवारी द्वारा सीमांकन का आवेदन दिया गया है। जबकि जिन बटांकित नंबरों पर वह सीमांकन कराना चाहते हैं उनमें महेन्द्र तिवारी सहित अन्य भाईयों का भी हिस्सा लेकिन इसके बावजूद भी नायब तहसीलदार इस भूमि का सीमांकन कराने का आदेश जारी कर चुुके है। जबकि आपत्ति जाहिर की गई लेकिन उसका कोई निराकरण नहीं किया गया। इसी सीमांकन के लिए दिए गए आवेदन में पूूर्व डिप्टी कमिश्रर नवीन तिवारी एवं मीना तिवारी के फर्जी हस्ताक्षर हैं। इस बात की जानकारी नायब तहसीलदार को दी गई थी लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की, जिसको लेकर कलेक्टर व एसडीएम को शिकायत की गई थी। मामले को संज्ञान लेकर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को नोटिस जारी किया है। वहीं कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निराकरण न होने तक सीमांकन के लिए रोक लगा दी है।
भूमाफियाओं से साठगांठ की चर्चा
बता दें कि नायब तहसीलदार इन दिनों राजस्व अधिकारी के रूप में कम भूमाफिया के रूप में ज्यादा चर्चाओं में हैं। यहां आने वाले पीडि़त उन्हें अब भूमाफिया कहने लगे हैं। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि उनके द्वारा रीवा में लंबे समय से पदस्थापना का पूरा लाभ लिया जा रहा है। रीवा के सभी बड़े भूमाफिया उनके संपर्क में हैं और उनके द्वारा विवदित भूमियों को इसी प्रकार से जबरन सीमांकन व राजस्व संबंधित कार्यवाही कराई जाती है। इतना ही नहीं अधिकारी के जरिए भूमाफिया पीडि़त पक्षों पर दबाव भी बना रहे हैं ऐसा भी चर्चा में कहा जा रहा है। वहीं कहा जा रहा है कि नर्सिंग घोटाले में फंसे नायब तहसीलदार पर कार्यवाही तय है, इसलिए उनके द्वारा अब ऐसे मामलो पर आर्थिंक लाभ लेकर एक पक्षीय निर्णय लिया जा रहा है। बता दें कि उनकी कई वर्षो से रीवा में ही पदस्थापना को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है।
                                    क्या है मामला
बताया गया कि वार्ड क्रमांक 26 लालन टोला बदराव में विवादित भूमि है, जिसका प्रकरण जिला न्यायालय में चल रहा है। भूमि स्वामी महेन्द्र तिवारी ने बताया कि उनकी जमीन में उनके सभी चाचा जिसमें पूर्व डिप्टी कमिश्रर राजस्व नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी सहित अन्य ने अपना नाम चढ़वा लिया था। अधिनस्थ न्यायालय से सभी खसरा नंबरों पर 1/6 का हिस्सा दे दिया गया है। जिसकी अपील उनके द्वारा जिला न्यायालय में की गई है जो प्रकरण विचाराधीन है। जब न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन था तभी इस विवादित भूमि का बंटवारा कर सबके नाम तत्कालीन तहसीलदार द्वारा खसरा नंबर बटांकित कर चढ़ा दिया गया। इनमें से मीना तिवारी सहित नवीन तिवारी, कमलकिशोर तिवारी, दुर्गा प्रसाद तिवारी द्वारा सीमांकन का आवेदन दिया गया है। जबकि जिन बटांकित नंबरों पर वह सीमांकन कराना चाहते हैं उनमें महेन्द्र तिवारी सहित अन्य भाईयों का भी हिस्सा लेकिन इसके बावजूद भी नायब तहसीलदार इस भूमि का सीमांकन कराने का आदेश जारी कर चुुके है। जबकि आपत्ति जाहिर की गई लेकिन उसका कोई निराकरण नहीं किया गया। इसी सीमांकन के लिए दिए गए आवेदन में पूूर्व डिप्टी कमिश्रर नवीन तिवारी एवं मीना तिवारी के फर्जी हस्ताक्षर हैं। इस बात की जानकारी नायब तहसीलदार को दी गई थी लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की, जिसको लेकर कलेक्टर व एसडीएम को शिकायत की गई थी। मामले को संज्ञान लेकर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को नोटिस जारी किया है। वहीं कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निराकरण न होने तक सीमांकन के लिए रोक लगा दी है।
भूमाफियाओं से साठगांठ की चर्चा
बता दें कि नायब तहसीलदार इन दिनों राजस्व अधिकारी के रूप में कम भूमाफिया के रूप में ज्यादा चर्चाओं में हैं। यहां आने वाले पीडि़त उन्हें अब भूमाफिया कहने लगे हैं। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि उनके द्वारा रीवा में लंबे समय से पदस्थापना का पूरा लाभ लिया जा रहा है। रीवा के सभी बड़े भूमाफिया उनके संपर्क में हैं और उनके द्वारा विवदित भूमियों को इसी प्रकार से जबरन सीमांकन व राजस्व संबंधित कार्यवाही कराई जाती है। इतना ही नहीं अधिकारी के जरिए भूमाफिया पीडि़त पक्षों पर दबाव भी बना रहे हैं ऐसा भी चर्चा में कहा जा रहा है। वहीं कहा जा रहा है कि नर्सिंग घोटाले में फंसे नायब तहसीलदार पर कार्यवाही तय है, इसलिए उनके द्वारा अब ऐसे मामलो पर आर्थिंक लाभ लेकर एक पक्षीय निर्णय लिया जा रहा है। बता दें कि उनकी कई वर्षो से रीवा में ही पदस्थापना को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है।
