मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए अब महज डेढ़ महीने का समय बचा है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी ने पढ़ाई पर संकट पैदा कर दिया है। इस समय स्थिति ऐसी है कि कई स्कूलों में शिक्षक चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात हैं, वहीं कई शिक्षिकाएं सीसीएल/मातृत्व अवकाश पर हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में सरकारी स्कूलों में 20,000 से अधिक शिक्षक चुनावी कार्यों में लगे हैं और स्कूलों की कक्षाएं खाली पड़ी हैं। कुछ ग्रामीण स्कूल तो पूरी तरह बंद होने की कगार पर हैं, क्योंकि वहाँ केवल एक या दो शिक्षक ही थे और उनमें से कई अब बाहरी ड्यूटी पर हैं।
भोपाल के कुछ स्कूलों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और अन्य मुख्य विषयों के शिक्षक बीएलओ (Booth Level Officer) के रूप में चुनाव में काम कर रहे हैं, जबकि कुछ शिक्षिकाएं सीसीएल एवं मातृत्व अवकाश पर हैं। इससे छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी को बड़ा झटका लगा है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा का परिणाम बेहतर लाने के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की जा रही हैं, और शिक्षकों के अवकाश को परीक्षा तक निरस्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि, ground-level पर पढ़ाई प्रभावित होने से अभिभावकों और शिक्षकों संगठन में चिंता बढ़ी है।