NPS में बड़ा बदलाव! 80% तक एकमुश्त राशि निकालें, अब सिर्फ 20% एन्युटी अनिवार्य
NPS exit rule 2025: अब नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट पर अपनी जमा राशि का 80% तक एकमुश्त निकाल सकते हैं और केवल 20% को एन्युटी में रखना होगा। जानें नए नियम के सभी फायदे और शर्तें।
Wed, 17 Dec 2025
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) नियम में बड़ा बदलाव: अब 80% तक निकाल सकेंगे एकमुश्त राशि, 20% एन्युटी में रखना होगा – जानें 2025 के नए एग्जिट नियम पेंशन सिस्टम (NPS) के एग्जिट और विदड्रॉल नियमों में 2025 में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे रिटायरमेंट के समय निवेशकों को अब पहले से बहुत अधिक लचीलापन मिलेगा। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इस बदलाव को नोटिफाई कर दिया है, और यह दिसंबर 2025 से प्रभावी माना जा रहा है।
इस बड़े नियम बदलाव के तहत अब NPS सब्सक्राइबर्स अपने रिटायरमेंट कॉर्पस का अधिकतम 80% एकमुश्त राशि (lump sum) के रूप में निकाल सकते हैं और केवल 20% राशि को एन्युटी (annuities) में निवेश करना अनिवार्य होगा जिससे उन्हें नियमित पेंशन मिल सके। इससे पहले नीति में निवेशकों को कम से कम 40% राशि annuity में निवेश करनी पड़ती थी।
क्या है नया NPS Exit Rule (2025) – विस्तार से
रेगुलेटर PFRDA ने PFRDA (Exits and Withdrawals under the National Pension System) Amendment Regulations, 2025 को जारी किया है। इसके प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
1. 80% तक एकमुश्त निकासी की अनुमति
अब NPS सब्सक्राइबर्स अपने रिटायरमेंट के समय कुल पेंशन कॉर्पस का 80% तक रकम एकमुश्त निकाल सकते हैं — पहले यह सीमा 60% थी। इसका मतलब है कि अब आपकी ज़्यादातर रकम आप अपने अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे घर बनवाना, निवेश करना, या अन्य जरूरतें।
2. न्यूनतम 20% एन्युटी रखना अनिवार्य
अमेंडमेंट के अनुसार अब केवल 20% राशि को एन्युटी खरीदने में रखना अनिवार्य होगा, जो रिटायरमेंट के बाद आपको नियमित पेंशन इनकम देती रहेगी। इससे आपको नियमित रूप से पेंशन मिलती रहेगी लेकिन आपकी नकद राशि भी बड़े स्तर पर हाथ में रहेगी।
3. अलग-अलग निकासी नियम (करोड़/राशि के हिसाब से)
नए नियमों के अनुसार विभाजन निम्नानुसार है:
यदि आपकी कुल एनपीएस कॉर्पस ₹8 लाख तक है, तो आप पूरी राशि को एकमुश्त निकाल सकते हैं और एन्युटी लेना ऑप्शनल है।
यदि कॉर्पस ₹8–12 लाख के बीच है, तो आप ₹6 लाख तक को एकमुश्त निकाल सकते हैं; बाकी रकम के लिए एन्युटी या क्रमबद्ध निकासी विकल्प उपलब्ध हैं।
यदि कॉर्पस ₹12 लाख से ऊपर है, तो कम से कम 20% राशि से एन्युटी लेनी होगी और बाकि 80% निकाल सकते हैं।
4. 60 वर्ष से पहले निकासी नियम
अगर कोई सब्सक्राइबर 60 वर्ष से पहले NPS से निकलना चाहे, तो
अगर उसका कॉर्पस ₹5 लाख से कम है, वह पूरा निकाल सकता है।
यदि कॉर्पस ₹5 लाख से अधिक है, 20% राशि एकमुश्त प्राप्त की जा सकती है और बाकी 80% एन्युटी में लगाया जाता है।
5. निकासी उम्र बढ़ी – 85 साल तक निवेश
नए नियमों के अनुसार अब सब्सक्राइबर 60 वर्ष के बाद भी 85 वर्ष तक अपने फंड में निवेश (या वृद्धि के लिए होल्ड कर) सकते हैं, जब तक वे हटने का विकल्प चुनते हैं। यह बदलाव निवेशकों को लंबी अवधि तक ब्याज व उपार्जन जारी रखने की सुविधा देता है।
6. आंशिक निकासी और विकल्प
नए नियम आंशिक निकासी की संख्या को भी बढ़ाते हैं — जैसे रिटायरमेंट के बाद 3 बार 3 साल के अंतर से आंशिक निकासी संभव है — जिससे रिटायरमेंट फंड को छोटे-छोटे हिस्सों में लिया जा सकता है।
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इसके प्रभाव क्या होंगे?
लचीलापन और नियंत्रण
अब NPS निवेशक अपनी बचत पर अधिक नियंत्रण प्राप्त करेंगे। 80% तक राशि निकालने की अनुमति से रिटायरमेंट के बाद आर्थिक योजना बनाना आसान होगा, खासकर अगर कोई बड़े खर्च — जैसे हेल्थकेयर, घर, बच्चों की पढ़ाई आदि — के लिए राशि चाहता हो।
कमड़े Mandatory Annuity
पहले 40% mandatory annuity की वजह से निवेशकों को मासिक आय के लिए बैंक या बीमा उत्पादों में रकम लगानी पड़ती थी, जो अक्सर कम रिटर्न देती हैं। अब 20% कम होने से यह बोझ घटेगा।
थोड़ा कम पेंशन इनकम
अगर आप कम हिस्से का एन्युटी लेते हैं, तो हर महीने मिलने वाली पेंशन – पहले जितनी होती थी – अब कम हो सकती है, क्योंकि अब केवल 20% राशि ही pension-generating annuity में जाएगी।
छोटी बचत निवेशकों को फायदा
ज़्यादातर निवेशकों के लिए, विशेषकर छोटे कॉर्पस वाले लोगों को, पूरा अमाउंट निकालकर जरूरत के हिसाब से खर्च करने का लाभ मिलेगा।
क्या यह सभी पर लागू होगा?
यह नया नियम मुख्य रूप से नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स, जैसे प्राइवेट कर्मचारियों और आम निवेशकों पर लागू होता है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग विस्तृत नियम हैं, जिनमें उम्र सीमा, निकासी शर्तें और अन्य प्रावधान शामिल हैं।
