संसद में 8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट: वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का महत्वपूर्ण बयान

8th Pay Commission: गठन की हुई पुष्टि, लागू होने की तारीख अभी तय नहीं; 1.19 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को होगा लाभ.

 
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8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बहुप्रतीक्षित 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission - 8th CPC) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सामने आई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में आयोग की वर्तमान स्थिति, उसके कार्य क्षेत्र (Terms of Reference - ToR) और इसे लागू करने की संभावित तारीख पर सरकार का रुख स्पष्ट किया।
​आयोग का गठन और ToR की अधिसूचना
​वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन को सूचित किया कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का औपचारिक रूप से गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस आयोग के लिए ‘नियम और शर्तें’ (Terms of Reference - ToR) को वित्त मंत्रालय के एक संकल्प (Resolution) के माध्यम से 3 नवंबर 2025 को अधिसूचित कर दिया गया था। यह घोषणा उन अटकलों और अनिश्चितताओं को समाप्त करती है जो आयोग के गठन को लेकर चल रही थीं। ToR के अनुसार, आयोग को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन, ग्रेच्युटी, बोनस और अन्य सुविधाओं की जाँच करने और उनमें बदलाव की सिफारिश करने का कार्य सौंपा गया है। यह सिफारिशें अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services), रक्षा बलों के कर्मियों और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों पर भी लागू होंगी।
​लागू होने की तारीख पर सरकार का स्पष्ट रुख
​सांसदों ने मंत्री से यह सीधा सवाल किया था कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू करने का प्रस्ताव रखती है, जैसा कि पिछली परंपरा रही है (वेतन आयोग की सिफारिशें आमतौर पर हर दस साल में 1 जनवरी से लागू होती हैं)।
​इस सवाल के जवाब में पंकज चौधरी ने किसी विशिष्ट तारीख का उल्लेख करने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लागू होने की तारीख सरकार द्वारा तय की जाएगी।"
​इस बयान का निहितार्थ यह है कि सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर लागू करने की तारीख तय नहीं की है। यह तिथि संभवतः तभी तय की जाएगी जब आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप देगा और सरकार उन पर विचार करके उन्हें स्वीकार कर लेगी। मंत्री के अनुसार, आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए अधिसूचना की तारीख से 18 महीने का समय दिया गया है। यानी, आयोग से उम्मीद की जाती है कि वह मई 2027 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। इसके बाद ही लागू होने की तारीख तय हो पाएगी।
​लाभार्थियों की संख्या और फंड का प्रावधान
​मंत्री ने सदन में यह भी जानकारी दी कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से कितने कर्मचारी और पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। उनके जवाब के अनुसार, आयोग की सिफारिशों से लगभग 50.14 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों को सीधे तौर पर लाभ होने की उम्मीद है। इस प्रकार, कुल मिलाकर, लगभग 1.19 करोड़ लोगों के वेतन और पेंशन में संशोधन होगा।
​एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू, बजट और वित्तीय प्रावधानों के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने आश्वस्त किया कि 8वें वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों को लागू करने के लिए सरकार उचित धन का प्रावधान (Provision of Funds) करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार सिफारिशों को अंतिम रूप देने और स्वीकार करने के बाद, सरकार आवश्यक फंड की व्यवस्था करेगी। यह इस आशंका को दूर करता है कि वित्तीय कमी के कारण 8वें वेतन आयोग को लागू करने में देरी हो सकती है।
​पेंशन और आयोग की कार्यप्रणाली
​पंकज चौधरी ने यह भी साफ किया कि 8वां वेतन आयोग केवल वेतन और भत्तों पर ही नहीं, बल्कि पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य परिलब्धियों पर भी अपनी सिफारिशें करेगा। इसका मतलब है कि पेंशनरों को भी इस आयोग से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
​आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में मंत्री ने बताया कि 8वां केंद्रीय वेतन आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए अपनी कार्यप्रणाली और प्रक्रिया स्वयं तय करेगा। ToR में आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उसकी सिफारिशें देश की प्रचलित आर्थिक स्थिति, वित्तीय विवेक की आवश्यकता, विकास और कल्याणकारी उपायों के लिए संसाधनों की उपलब्धता, और राज्यों पर पड़ने वाले समग्र वित्तीय प्रभाव जैसे कारकों को ध्यान में रखें।
​निष्कर्ष के तौर पर, संसद में सरकार का यह बयान केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक 'बड़ा अपडेट' है, जिसने 8वें वेतन आयोग के औपचारिक गठन की पुष्टि कर दी है, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट कर दिया है कि इसे लागू करने की सटीक तारीख अभी भविष्य के गर्भ में है और यह आयोग की रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगी। कर्मचारियों और पेंशनरों को अब आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का इंतजार रहेगा।

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