कम लागत में लाखों की कमाई: गेंदा के फूल की ऑर्गेनिक खेती का आसान तरीका
गेंदा के फूल की ऑर्गेनिक खेती कैसे करें? जानिए जलवायु, मिट्टी, उन्नत किस्में, जैविक खाद, कीट नियंत्रण और मुनाफे की पूरी जानकारी।
Tue, 23 Dec 2025
भारत में फूलों की खेती तेजी से किसानों की आय बढ़ाने का जरिया बन रही है। इनमें गेंदा (Marigold) सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है। पूजा-पाठ, शादी-विवाह, त्योहारों और सजावट में सालभर इसकी मांग बनी रहती है। खास बात यह है कि ऑर्गेनिक गेंदा खेती कम लागत, कम जोखिम और अच्छा मुनाफा देने वाली खेती है।
गेंदा की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
गेंदा की फसल गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में अच्छी होती है।
तापमान: 18°C से 30°C
अधिक ठंड या पाला फसल को नुकसान पहुंचा सकता है
अच्छी धूप वाली जगह सबसे बेहतर रहती है
मिट्टी का चयन और तैयारी
ऑर्गेनिक गेंदा खेती के लिए मिट्टी का सही होना बहुत जरूरी है।
दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम
मिट्टी का pH मान: 6.5 से 7.5
जल निकास अच्छा होना चाहिए
खेत की तैयारी
2-3 बार गहरी जुताई करें
अंतिम जुताई में गोबर की सड़ी खाद (10-15 टन/हेक्टेयर) मिलाएं
वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग उत्पादन बढ़ाता है
उन्नत किस्में (ऑर्गेनिक खेती के लिए)
पूसा बसंती
पूसा नारंगी
अफ्रीकन गेंदा
फ्रेंच गेंदा
पंजाब गेंदा-1
नर्सरी तैयार करने की विधि
बीज बोने का सही समय: जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर
उठी हुई क्यारियों में बीज बोएं
बीज को बोने से पहले नीम अर्क या ट्राइकोडर्मा से उपचार करें
25-30 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं
पौध रोपण विधि
रोपाई का समय: शाम के समय करें
पौधों की दूरी:
अफ्रीकन गेंदा: 45×45 सेमी
फ्रेंच गेंदा: 30×30 सेमी
सिंचाई प्रबंधन
पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद
गर्मी में 5-7 दिन के अंतराल पर
बरसात में आवश्यकता अनुसार
जलभराव से बचाव जरूरी
जैविक खाद एवं पोषण प्रबंधन
ऑर्गेनिक खेती में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता।
गोबर की खाद
वर्मी कम्पोस्ट
नीम खली
जीवामृत / घन जीवामृत
पंचगव्य का छिड़काव (15-20 दिन के अंतराल पर)
कीट एवं रोग नियंत्रण (ऑर्गेनिक तरीके)
मुख्य कीट
माहू
थ्रिप्स
इल्ली
जैविक नियंत्रण उपाय
नीम तेल (3-5 ml/लीटर पानी)
लहसुन-मिर्च अर्क
दशपर्णी अर्क
पीले स्टिकी ट्रैप
रोग
उखटा रोग
पत्ती धब्बा
उपचार
ट्राइकोडर्मा का प्रयोग
फसल चक्र अपनाएं
फूल तुड़ाई और उत्पादन
फूल 45-60 दिन में आने लगते हैं
सप्ताह में 2-3 बार तुड़ाई
सही देखभाल से 80-120 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन संभव
लागत, मुनाफा और बाजार
लागत: ₹30,000 – ₹40,000 प्रति हेक्टेयर
आय: ₹1.5 – 2.5 लाख तक
ऑर्गेनिक फूलों की कीमत सामान्य से ज्यादा मिलती है
