Kerala election result 2025 live: यूडीएफ का जलवा, एलडीएफ पिछड़ा, तिरुवनंतपुरम में एनडीए की जोरदार दस्तक!
सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) को झटका, कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) ने बनाई बढ़त
Sat, 13 Dec 2025
केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे शनिवार (13 दिसंबर 2025) को घोषित किए जा रहे हैं। इन चुनावों को 2026 के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता के मूड का 'सेमीफाइनल' माना जा रहा है। शुरुआती रुझानों और दोपहर तक के घोषित परिणामों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने सत्ताधारी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) पर कई प्रमुख निकायों में बढ़त हासिल कर ली है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए, खासकर तिरुवनंतपुरम कॉर्पोरेशन में, चौंकाने वाली प्रगति की है।
प्रमुख निकायों में पार्टियों की स्थिति
परिणामों के रुझानों और घोषित सीटों के अनुसार, तीनों प्रमुख गठबंधनों की स्थिति इस प्रकार है:
नगर निगम (Corporations)
कुल 6 निगमों में से, यूडीएफ को 4, एलडीएफ को 1 और एनडीए को 1 निगम में बढ़त या जीत मिली है।
तिरुवनंतपुरम नगर निगम: शुरुआती रुझानों में यहाँ एनडीए ने बढ़त बनाई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा राज्य की राजधानी में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर रही है। एनडीए यहाँ 21 वार्डों में आगे है, जबकि एलडीएफ 16 और यूडीएफ 11 वार्डों में आगे चल रहा है (दोपहर 1:30 बजे तक के आंकड़े)।
कोच्चि और त्रिशूर जैसे शहरों में भी यूडीएफ बढ़त बनाए हुए है।
नगर पालिकाएँ (Municipalities)
कुल 86 नगरपालिकाओं में से, यूडीएफ 53 में, एलडीएफ 30 में और एनडीए 1 में आगे चल रहा है।
यह परिणाम शहरों और कस्बों में यूडीएफ के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाता है।
जिला पंचायतें (District Panchayats)
कुल 14 जिला पंचायतों में से, यूडीएफ 7 में और एलडीएफ 6 में आगे है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जिला पंचायतों के नतीजे राज्य में राजनीतिक शक्ति का सबसे अहम पैमाना माने जाते हैं, जिस पर यूडीएफ और एलडीएफ के बीच कांटे की टक्कर है।
ब्लॉक पंचायतें (Block Panchayats)
कुल 152 ब्लॉक पंचायतों में से, यूडीएफ 77 में आगे है, जबकि एलडीएफ 68 में आगे चल रहा है।
ग्राम पंचायतें (Gram Panchayats)
कुल 941 पंचायतों में, यूडीएफ 378 में, एलडीएफ 371 में और एनडीए 33 में आगे चल रहा है।
ग्राम पंचायतों में भी यूडीएफ और एलडीएफ के बीच मामूली अंतर के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा जारी है।
रिकॉर्ड तोड़ मतदान और राजनीतिक निहितार्थ
उच्च मतदान: इस बार के स्थानीय निकाय चुनावों में कुल मिलाकर 73.69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसने लगभग 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह उच्च भागीदारी मतदाताओं की जागरूकता और राजनीतिक माहौल की गरमाहट को दर्शाती है।
विधानसभा चुनाव पर असर: स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे अक्सर राज्य के मतदाताओं के मूड का संकेत देते हैं। यह परिणाम 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एलडीएफ के लिए चिंता का विषय हो सकता है, जबकि यूडीएफ और एनडीए के लिए यह मनोबल बढ़ाने वाला है।
वक्फ विवाद का प्रभाव: मुनंबम वार्ड जैसे कुछ क्षेत्रों में, जहां वक्फ बोर्ड से जुड़े कथित अवैध दावों के कारण ईसाई परिवारों को बेदखली का खतरा था, वहां भाजपा ने 'ऐतिहासिक' जीत दर्ज की है। भाजपा नेताओं ने इसे केंद्र की मोदी सरकार और पार्टी के इन परिवारों के साथ खड़े होने का परिणाम बताया है।
