Paush Amavasya 2025: धन संकट से छुटकारा दिलाएंगे ये 5 अचूक उपाय

Paush Amavasya 2025 पर करें ये विशेष उपाय, जिससे दूर होंगी आर्थिक परेशानियां और मिलेगी धन-समृद्धि। जानें तिथि, महत्व और दान-पुण्य के लाभ।
 
पौष अमावस्या 2025: धन-समृद्धि के लिए करें ये उपाय  पौष अमावस्या 2025 19 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी — यह वर्ष की अंतिम अमावस्या भी मानी जाती है और पितृ पक्ष से जुड़ी कई मान्यताओं के कारण अत्यंत शुभ मानी जाती है।   हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, पूजा, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण जीवन में धन-धान्य की कमी न होने देने तथा बिगड़े कामों को बनने में सहायक होते हैं।    ---  🪔 धन-समस्या नाश के लिए प्रमुख उपाय  🔹 गाय दान — पौष अमावस्या के दिन गाय दान करना अत्यंत शुभ होता है और यह माना जाता है कि इससे आर्थिक संकट दूर होता है।  🔹 दान-पुण्य — अनाज, वस्त्र, तिल, गुड़, घी आदि दान करने से पुण्य लाभ मिलता है।  🔹 पीपल पूजा — पानी, दूध, गुड़ और काले तिल के साथ पीपल पर जल चढ़ाकर 7 परिक्रमा करें; इससे पितृ दोष शांत होता है।  🔹 मुख्य द्वार पर स्वास्तिक — घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाना सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।  🔹 शिवलिंग अभिषेक — कच्चे दूध व दही से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-समस्याओं में राहत मिलती है।  🔹 श्रीसूक्त पाठ — रात में श्रीसूक्त का पाठ धन-वृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है।    ---  🌊 पितरों का तर्पण और पुण्य कर्म  पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी या सरोवर में स्नान करके तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि नदियाँ पास न हों तो घर में भी सरल विधि से तर्पण किया जा सकता है।    ---  📌 महत्व  पौष अमावस्या को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है और यह दिन कुल दोष निवारण, सुख-समृद्धि तथा पितृ संतुष्टि के लिए विशेष प्रभावी माना जाता है।
पौष अमावस्या 2025: धन-समृद्धि के लिए करें ये उपाय पौष अमावस्या 2025 19 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी — यह वर्ष की अंतिम अमावस्या भी मानी जाती है और पितृ पक्ष से जुड़ी कई मान्यताओं के कारण अत्यंत शुभ मानी जाती है। 
हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, पूजा, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण जीवन में धन-धान्य की कमी न होने देने तथा बिगड़े कामों को बनने में सहायक होते हैं। 
 धन-समस्या नाश के लिए प्रमुख उपाय
 गाय दान — पौष अमावस्या के दिन गाय दान करना अत्यंत शुभ होता है और यह माना जाता है कि इससे आर्थिक संकट दूर होता है। 
 दान-पुण्य — अनाज, वस्त्र, तिल, गुड़, घी आदि दान करने से पुण्य लाभ मिलता है। 
 पीपल पूजा — पानी, दूध, गुड़ और काले तिल के साथ पीपल पर जल चढ़ाकर 7 परिक्रमा करें; इससे पितृ दोष शांत होता है। 
 मुख्य द्वार पर स्वास्तिक — घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाना सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है। 
 शिवलिंग अभिषेक — कच्चे दूध व दही से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-समस्याओं में राहत मिलती है। 
 श्रीसूक्त पाठ — रात में श्रीसूक्त का पाठ धन-वृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है। 
 पितरों का तर्पण और पुण्य कर्म
पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी या सरोवर में स्नान करके तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि नदियाँ पास न हों तो घर में भी सरल विधि से तर्पण किया जा सकता है। 
 महत्व
पौष अमावस्या को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है और यह दिन कुल दोष निवारण, सुख-समृद्धि तथा पितृ संतुष्टि के लिए विशेष प्रभावी माना जाता है। 

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