AIIMS में किशोरी Ahana की मौत: फास्ट फूड क्या सच में कारण? विशेषज्ञों की राय और Latest Lancet रिपोर्ट
AIIMS छात्रा Ahana की मौत ने फास्ट फूड (UPFs) के खतरों को फिर से उजागर किया। विशेषज्ञों का कहना है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स पाचन और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। जानें Lancet रिपोर्ट का क्या निष्कर्ष है।
Tue, 23 Dec 2025
AIIMS Ahana death fast food cause: उत्तर प्रदेश के अमरोहा की 16 वर्ष की छात्रा Ahana की मौत ने एक बार फिर फास्ट फूड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPFs) के खतरे पर आलोचना और चेतावनी को तेज़ कर दिया है। परिजनों के अनुसार Ahana को चाऊमीन, मैगी, पिज़्ज़ा और बर्गर जैसी चीजें बहुत पसंद थीं और रोज़ाना इनके सेवन की आदत थी। उसी के बाद स्थिति बिगड़ने पर उसे दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।
AIIMS के डॉक्टरों के मुताबिक उसकी आंतें चिपक गई थीं, उनमें छेद हो गए थे और पाचन तंत्र पूरी तरह काम करना बंद कर चुका था — एक दुर्लभ पर गंभीर स्थिति। विशेषज्ञों का कहना है कि फास्ट फूड या UPFs का लगातार सेवन आंतों में सूजन, पाचन बिगड़ना और गट माइक्रोबायोम का असंतुलन जैसे जोखिम बढ़ा सकता है, खासकर बच्चों और युवा लोगों में।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
दिल्ली के सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष कुमार के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स गट माइक्रोबायोम को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे आंतों की परत कमजोर होती है, सूजन बढ़ती है और पोषक तत्वों का अवशोषण भी प्रभावित होता है। लंबे समय में यह पाचन व्यवस्था को बाधित कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है।
Lancet रिपोर्ट का संदर्भ
हाल ही में द Lancet जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में 100 से अधिक शोधों की समीक्षा के बाद चेतावनी दी गई है कि UPFs का सेवन तेजी से बढ़ रहा है, और इससे मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज़, हृदय रोग, कुछ कैंसर और समय से पहले मौत का जोखिम बढ़ता है।
डॉक्टरों का कहना है कि UPFs में केमिकल एडिटिव्स, फ्लेवर्स, कलर और शुगर/स्वीटनर्स की अधिकता होती है, जो इन्हें स्वादिष्ट तो बनाते हैं लेकिन पोषण के लिहाज़ से शरीर को कमजोर छोड़ते हैं।
क्या सावधानियाँ जरूरी हैं?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि परिवारों को बच्चों की खाने की आदतों पर ध्यान देना चाहिए, घर के ताज़े और कम-प्रोसेस्ड भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए और फास्ट फूड की आदत को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ानी चाहिए। साथ ही, सरकार से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स पर सख्त नियम और टैक्स लगाने की भी मांग की जा रही है।
