ड्रैगन का खतरनाक चक्रव्यूह! US रिपोर्ट ने किया खुलासा- भारत को चारों तरफ से घेरने की तैयारी में चीन

अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा! चीन अपनी 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति के तहत भारत को समुद्री और जमीनी रास्तों से घेर रहा है। जानें भारत की 'Necklace of Diamonds' जवाबी रणनीति के बारे में।

 
PAK, बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार... भारत को चौतरफा घेरने की प्लानिंग में जुटा ड्रैगन; पेंटागन की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
​हाल ही में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट ने दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपनी 'विस्तारवादी' नीति के तहत भारत की सीमाओं के आसपास एक ऐसा जाल बुन रहा है, जिसे रणनीतिक विशेषज्ञ 'String of Pearls' (मोतियों की माला) कहते हैं। यह खबर न केवल भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।
​क्या है चीन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति?
​'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' चीन की उस रणनीति को कहा जाता है जिसके तहत वह हिंद महासागर में रणनीतिक बंदरगाहों और सैन्य ठिकानों का नेटवर्क बना रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को रणनीतिक रूप से घेरना और हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को मजबूत करना है।
​चीन के प्रमुख ठिकाने:
​ग्वादर (पाकिस्तान): CPEC प्रोजेक्ट के जरिए चीन का सीधा दखल अरब सागर तक हो गया है।
​हंबनटोटा (श्रीलंका): कर्ज के जाल में फंसाकर चीन ने इस बंदरगाह को 99 साल के लिए लीज पर ले लिया है।
​चटगांव (बांग्लादेश): यहां भी चीन अपने निवेश के जरिए बंदरगाहों को विकसित कर रहा है।
​क्याुकप्यू (म्यांमार): बंगाल की खाड़ी में भारत की उपस्थिति को चुनौती देने के लिए चीन यहां अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
​जिबूती (अफ्रीका): हॉर्न ऑफ अफ्रीका में चीन का पहला विदेशी सैन्य अड्डा, जो स्वेज नहर के पास है।
​अमेरिकी रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
​अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों की इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चीन अब केवल आर्थिक निवेश तक सीमित नहीं है। वह अब इन व्यापारिक बंदरगाहों को धीरे-धीरे सैन्य ठिकानों में बदलने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार:
​चीन की नौसेना (PLAN) दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बनने की होड़ में है।
​चीन हिमालयी क्षेत्रों (LAC) पर दबाव बनाने के साथ-साथ समुद्री रास्तों पर भी भारत की घेराबंदी कर रहा है।
​पड़ोसी देशों को भारी कर्ज देकर उन्हें भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिश रची जा रही है।
​भारत की जवाबी रणनीति: 'नेकलेस ऑफ डायमंड्स'
​भारत इस खतरे से अनजान नहीं है। चीन की 'मोतियों की माला' को तोड़ने के लिए भारत ने 'Necklace of Diamonds' की रणनीति अपनाई है। इसके तहत भारत दुनिया के विभिन्न देशों के साथ मिलकर चीन को काउंटर कर रहा है।
रणनीति का हिस्सा स्थान/देश महत्व
चाबहार बंदरगाह ईरान पाकिस्तान के ग्वादर को काउंटर करने के लिए।
दुक्म बंदरगाह ओमान अरब सागर और पश्चिम हिंद महासागर पर नजर रखने के लिए।
सबंग बंदरगाह इंडोनेशिया मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait) के पास रणनीतिक पहुंच।
चांगी बेस सिंगापुर भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए रसद और ईंधन की सुविधा।
अगालेगा द्वीप मॉरीशस दक्षिण हिंद महासागर में निगरानी के लिए सैन्य सुविधा।
सीमा पर तनाव और हिमालयी घेराबंदी
​समुद्र के अलावा, जमीन पर भी चीन अपनी चालें चल रहा है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, चीन बुनियादी ढांचे (Infrastucture) का जाल बिछा रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट बताती है कि चीन ने एलएसी (LAC) के पास नए गांव बसाए हैं और अपनी मिसाइल क्षमताओं में भारी इजाफा किया है। भूटान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के बहाने चीन सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Chicken's Neck) के करीब आने की कोशिश कर रहा है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को बाकी देश से जोड़ता है।

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