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पन्ना: तीन साल से था गांव में बंदरों का आतंक, सरपंच ने बुलाई वृंदावन से रेस्क्यू टीम, तीन दिन में पकड़े गए 4 बंदर
पन्ना: पिछले तीन साल से था गांव में बंदरों का आतंक में लगाम लग गई है।

Panna MP News: मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बिसानी गांव में तीन वर्ष से गांव के लोग बंदरो से इतने परेसान हो चुके थे कि अब वर्तमान सरपंच के द्वारा बंदरो के आतंक पर लगाम लगाने के लिए वृंदावन से रेस्क्यू टीम को बुलाना पड़ा। जिसने तीन दिन मेहनत कर चार बंदरो को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। वही रेस्क्यू टीम के द्वारा लगातार ज्यादा से ज़्यादा बंदरो की धरपकड़ करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के शाहनगर विकासखंड के ग्राम बिसानी के ग्रामवासी पिछले 3-4 वर्षों से लगातार बंदरों की बढ़ रही संख्या से परेशान थे। उनके घरों के छप्पड़ और साग सब्जियां फल फूल आदि को भारी नुकसान बंदरों के द्वारा पहुँचाया जा रहा था।जिससे ग्रामवासीयों की मांग पर सरपंच शशि कला ने बड़ा फैसला लेते हुए बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा वृंदावन से बंदर पकड़ने वाले रेस्क्यू दल को बुलाया है।जिन्होंने हायर सेकंडरी स्कूल सहित गाँव के बीच स्थित पक्के मकानों की छतों पर बंदर कैप्चर पिंजरे लगाए है। जिनमें खाने पीने का सामान डालकर उन्हें रखा गया है।
बंदर यहां आते हैं और वह कैप्चर पिंजरों में कैद हो जाते हैं। शाहनगर सरपंच शशिकला ने जानकारी देते हुए बताया इस संबंध में वन विभाग से पहले भी कई बार बंदरों के आतंक के बारे में जानकारी दी गई थी।लेकिन विभाग द्वारा इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिससे ग्रामवासी बेहद परेशान थे।ग्रामवासियों द्वारा बंदरों को यह से हटाए जाने की मांग की जा रही थी।
जिस पर ग्राम पंचायत ने बंदरों को पकड़वा कर दूर जंगल मे छोड़ने का निर्णय लिया गया ओर बंदरों के आतंक से मुक्ति के लिए बंदरों को पकड़वाने के लिए उत्तरप्रदेश के मथुरा से एक टीम बुलाई गयी।जो अब बंदरों को कैप्चर कर रहे हैं। अभी तक कैप्चर पिंजरों में एक दर्जन से अधिक बंदरों को कैद किया जा चुका है।ओर यह प्रकिया जारी है। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत बिसानी सरपंच शशि कला को अभी निर्वाचित हुए करीब तीन महीने हुए हैं।
लेकिन उनके इस फैसले से ग्राम पंचायत बिसानी के लोग काफी प्रसन्न है।बंदर कैप्चर दल द्वारा इन बंदरों को पकड़कर वन विभाग के माध्यम से दूरदराज के जंगलों में छोड़ा जा रहा है।
Panna MP News: मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बिसानी गांव में तीन वर्ष से गांव के लोग बंदरो से इतने परेसान हो चुके थे कि अब वर्तमान सरपंच के द्वारा बंदरो के आतंक पर लगाम लगाने के लिए वृंदावन से रेस्क्यू टीम को बुलाना पड़ा। जिसने तीन दिन मेहनत कर चार बंदरो को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। वही रेस्क्यू टीम के द्वारा लगातार ज्यादा से ज़्यादा बंदरो की धरपकड़ करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के शाहनगर विकासखंड के ग्राम बिसानी के ग्रामवासी पिछले 3-4 वर्षों से लगातार बंदरों की बढ़ रही संख्या से परेशान थे। उनके घरों के छप्पड़ और साग सब्जियां फल फूल आदि को भारी नुकसान बंदरों के द्वारा पहुँचाया जा रहा था।जिससे ग्रामवासीयों की मांग पर सरपंच शशि कला ने बड़ा फैसला लेते हुए बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा वृंदावन से बंदर पकड़ने वाले रेस्क्यू दल को बुलाया है।जिन्होंने हायर सेकंडरी स्कूल सहित गाँव के बीच स्थित पक्के मकानों की छतों पर बंदर कैप्चर पिंजरे लगाए है। जिनमें खाने पीने का सामान डालकर उन्हें रखा गया है।
बंदर यहां आते हैं और वह कैप्चर पिंजरों में कैद हो जाते हैं। शाहनगर सरपंच शशिकला ने जानकारी देते हुए बताया इस संबंध में वन विभाग से पहले भी कई बार बंदरों के आतंक के बारे में जानकारी दी गई थी।लेकिन विभाग द्वारा इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिससे ग्रामवासी बेहद परेशान थे।ग्रामवासियों द्वारा बंदरों को यह से हटाए जाने की मांग की जा रही थी।
जिस पर ग्राम पंचायत ने बंदरों को पकड़वा कर दूर जंगल मे छोड़ने का निर्णय लिया गया ओर बंदरों के आतंक से मुक्ति के लिए बंदरों को पकड़वाने के लिए उत्तरप्रदेश के मथुरा से एक टीम बुलाई गयी।जो अब बंदरों को कैप्चर कर रहे हैं। अभी तक कैप्चर पिंजरों में एक दर्जन से अधिक बंदरों को कैद किया जा चुका है।ओर यह प्रकिया जारी है। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत बिसानी सरपंच शशि कला को अभी निर्वाचित हुए करीब तीन महीने हुए हैं।
लेकिन उनके इस फैसले से ग्राम पंचायत बिसानी के लोग काफी प्रसन्न है।बंदर कैप्चर दल द्वारा इन बंदरों को पकड़कर वन विभाग के माध्यम से दूरदराज के जंगलों में छोड़ा जा रहा है।

पन्ना: पिछले तीन साल से था गांव में बंदरों का आतंक में लगाम लग गई है।