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पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर हुई एक बाघ की फिर हुई मौत, करंट लगने से एक बाघ और हायना की मौत
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते एक माह में दो बाघों की मौत की घटनाएं सामने आईं बीते माह एक बाघ की फांसी के फंदे में लटकने की बजह से हो गई थी।और आज एक बाघ की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है। जिसके बाद अब पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर सवालिया निशान जरूर खड़े हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत आने वाले बसुधा बीट के कक्ष क्रमांक 521 में एक नर बाघ और एक हायना की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया है।बाघ की उम्र लगभग 2 वर्ष बताई जा रही है।बताया जा रहा है कि जंगल मे शिकारियों के द्वारा सुअर या अन्य जानवरों को मारने के लिए तार बिछाया गया था।जिसमे करंट की सप्लाई थी।जिसकी चपेट में बाघ और हायना आ गया।और दोनो की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हालांकि जानकारी लगते ही फील्ड डारेक्टर बृजेन्द्र झा एवं वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता मौके पर पहुँचे और बाघ एवं हायना के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया।वहीं प्रबंधन के करंट फैलाने वाले आरोपियों तक पहुँचने के लिए डॉग स्कॉयड की टीम को बुलाकर मौके पर संघन जांच करवाई है।ताकि आरोपियों तक पहुँचा जा सके। हालांकि अब प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान इसलिए खड़े होना लामीजी है कि पीटीआर क्षेत्र व उसके आसपास के क्षेत्र शिकारी क्यों हावी हो रहे हैं।और कहीं जाल बिछा रहे हैं।तो कहीं करंट फैलाकर वन्यजीवों की जाने ले रहे हैं।जिसमे बाघों की मौत की घटनाएं सामने आ रही है।बीते माह ही पन्ना टाइगर रिजर्व के एक बाघ की मौत उत्तरवन मंडल अंतर्गत आने विक्रमपुर के पास की नर्सरी में फ़ासी के फंदे में लटकने की बजह से हो गई थी।वावजूद उसके प्रबंधन के द्वारा कोई ठोस कदम क्यों नही उठाए जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत आने वाले बसुधा बीट के कक्ष क्रमांक 521 में एक नर बाघ और एक हायना की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया है।बाघ की उम्र लगभग 2 वर्ष बताई जा रही है।बताया जा रहा है कि जंगल मे शिकारियों के द्वारा सुअर या अन्य जानवरों को मारने के लिए तार बिछाया गया था।जिसमे करंट की सप्लाई थी।जिसकी चपेट में बाघ और हायना आ गया।और दोनो की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हालांकि जानकारी लगते ही फील्ड डारेक्टर बृजेन्द्र झा एवं वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता मौके पर पहुँचे और बाघ एवं हायना के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया।वहीं प्रबंधन के करंट फैलाने वाले आरोपियों तक पहुँचने के लिए डॉग स्कॉयड की टीम को बुलाकर मौके पर संघन जांच करवाई है।ताकि आरोपियों तक पहुँचा जा सके। हालांकि अब प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान इसलिए खड़े होना लामीजी है कि पीटीआर क्षेत्र व उसके आसपास के क्षेत्र शिकारी क्यों हावी हो रहे हैं।और कहीं जाल बिछा रहे हैं।तो कहीं करंट फैलाकर वन्यजीवों की जाने ले रहे हैं।जिसमे बाघों की मौत की घटनाएं सामने आ रही है।बीते माह ही पन्ना टाइगर रिजर्व के एक बाघ की मौत उत्तरवन मंडल अंतर्गत आने विक्रमपुर के पास की नर्सरी में फ़ासी के फंदे में लटकने की बजह से हो गई थी।वावजूद उसके प्रबंधन के द्वारा कोई ठोस कदम क्यों नही उठाए जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते एक माह में दो बाघों की मौत की घटनाएं सामने आईं बीते माह एक बाघ की फांसी के फंदे में लटकने की बजह से हो गई थी।और आज एक बाघ की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है। जिसके बाद अब पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर सवालिया निशान जरूर खड़े हो रहे हैं।