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कड़ाके की ठंड में पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन से परेसान मजदूरों कलेक्ट्रेट में डाला डेरा, मजदूरी का भुकतान दिलवाने कलेक्टर से लगाई गुहार
पन्ना-पन्ना टाइगर रिजर्व की मनमानी व मजदूरी का भुकतान न मिलने से बुधवार के दिन 28 मजदूर अपने बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड में पन्ना कलेक्ट्रेट के सामने डेरा डालकर बैठ गए।

पन्ना-पन्ना टाइगर रिजर्व की मनमानी व मजदूरी का भुकतान न मिलने से बुधवार के दिन 28 मजदूर अपने बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड में पन्ना कलेक्ट्रेट के सामने डेरा डालकर बैठ गए।और मजदूरों ने पीटीआर की रमपुरा बीट के प्लांटेशन में पौधरोपण के लिए किए 18 हजार गड्ढों की 2.5 लाख रुपए मजदूरी दिलवाने की गुहार पन्ना कलेक्टर से लगाई।कड़ाके की ठंड में मजदूर अपने छोटे छोटे बच्चो के साथ रात्र करीब 8 बजे कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे रहे लेकिन उनकी मजदूरी का भुकतान नही हो पाया।
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व की रमपुरा बीट के प्लांटेशन में पौधरोपण के लिए गड्ढे खुदवाने का काम रेंजर के द्वारा करवाया जा रहा है।जिसमे कटनी जिले से 28 मजदूरों को काम पर लगाया गया था।लेकिन जब काम हो जाने पर मजदूरों ने मजदूरी का हिसाब करने की बात कही तो रेंजर सहित प्रबंधन मजदूरों को बैंक खाता देने के नाम पर गुमराह किया गया।जिससे परेसान सभी मजदूर अपने बच्चों के साथ पन्ना कलेक्ट्रेट पहुँचे और कलेक्टर को आवेदन देकर पीटीआर प्रबंधन से मजदूरी दिलवाने की मांग की।लेकिन देर शाम तक मजदूरों की मजदूरी भुकतान नही हुआ।जिससे कड़ाके की ठंड में मजदूर केलक्ट्रेट के बाहर बैठे रहे।वहीं मजदूरों का कहना था कि उन्हें नगद मजदूरी देने की बात कहकर काम पर लगाया गया था।18 हजार गड्ढे किए हैं।
जिनका भुकतान 2 लाख 66 हजार 500 रुपए हो रहा है।जिसमे प्रबंधन ने मात्र 11 हजार रुपए दिए हैं जो खर्च हो गए।अब रेंजर हम मजदूरों का भुकतान नही कर रहे हैं।हालांकि मामला बढ़ता देख देर शाम पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा कलेक्ट्रेट पहुँचे और पीटीआर प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई।मजदूरों के खाने रहने की व्यवस्था के कहा।और सुबह होते ही मजदूरों के द्वारा किए गड्ढों की नापजोख एवं गिनती करवाने के पन्ना तहसीलदार को निर्देश दिए।साथ तुरंत भुकतान करवाने के लिए भी निर्देशित किया।तब कहीं जाकर पीटीआर प्रबंधन ने मजदूरों को बस के माध्यम से इटवाकला पंचायत भवन में रुकने की व्यवस्था कर भेजा।रात को पन्ना तहसीलदार ने इटवाकला पहुँचकर मजदूरों की व्यवस्था को देखा और 19 जनवरी की सुबह भुकतान करवाने का अस्वाशन दिया।