ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? जानिए शेयर बाजार की इस खास रणनीति के फायदे और जोखिम

What is option trading?
 
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शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश के कई तरीके होते हैं, जिनमें से एक है ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading)। यह ट्रेडिंग डेरिवेटिव मार्केट (Derivative Market) का हिस्सा होती है। इसका मतलब यह है कि इसमें निवेशक किसी शेयर, इंडेक्स या कमोडिटी की कीमत के बदलाव पर दांव लगाते हैं, न कि उस शेयर को सीधे खरीदते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेशक को यह अधिकार (Right) होता है कि वह किसी तय तारीख तक एक निश्चित कीमत पर शेयर को खरीद या बेच सकता है। लेकिन यह उसकी जिम्मेदारी (Obligation) नहीं होती।
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ऑप्शन के दो प्रमुख प्रकार
1. Call Option (कॉल ऑप्शन) –
जब कोई निवेशक यह मानता है कि किसी शेयर की कीमत भविष्य में बढ़ेगी, तो वह कॉल ऑप्शन खरीदता है। इससे उसे भविष्य में तय कीमत पर शेयर खरीदने का अधिकार मिलता है।
उदाहरण: यदि किसी कंपनी का शेयर अभी ₹500 का है और निवेशक ने ₹520 के स्ट्राइक प्राइस पर कॉल ऑप्शन लिया है, तो यदि शेयर ₹550 पर पहुंचता है, तो उसे मुनाफा होता है।
2. Put Option (पुट ऑप्शन) –
जब निवेशक को लगता है कि किसी शेयर की कीमत गिरेगी, तो वह पुट ऑप्शन खरीदता है। यह उसे भविष्य में तय कीमत पर शेयर बेचने का अधिकार देता है।
उदाहरण: अगर किसी शेयर की कीमत ₹500 से घटकर ₹450 हो जाती है और निवेशक के पास ₹480 का पुट ऑप्शन है, तो उसे इस सौदे में लाभ मिलेगा।
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ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेशक प्रीमियम (Premium) देकर कॉन्ट्रैक्ट खरीदता है। यह प्रीमियम एक प्रकार की फीस होती है, जो उसे भविष्य में खरीद या बिक्री का अधिकार देती है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में तीन मुख्य शब्द महत्वपूर्ण हैं –
Strike Price: वह तय कीमत जिस पर शेयर खरीदा या बेचा जाएगा।
Expiry Date: वह तारीख जिस तक ट्रेड पूरा करना होता है।
Premium: ऑप्शन खरीदने के लिए दी जाने वाली राशि।
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फायदे और जोखिम दोनों मौजूद
फायदे:
छोटे निवेश से बड़ा लाभ संभव।
शेयर की दिशा (ऊपर या नीचे) दोनों में कमाई का मौका।
रिस्क मैनेजमेंट के लिए बेहतरीन टूल।
जोखिम:
बाजार के उलट जाने पर प्रीमियम पूरी तरह खत्म हो सकता है।
यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे समझे बिना ट्रेड करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
 निवेशकों के लिए सुझाव
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता के लिए टेक्निकल एनालिसिस, मार्केट ट्रेंड्स और टाइमिंग की गहरी समझ जरूरी होती है। शुरुआती निवेशकों को चाहिए कि वे पहले पेपर ट्रेडिंग या सिम्युलेशन ट्रेडिंग से अभ्यास करें और उसके बाद ही वास्तविक पूंजी लगाएं।
ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार में कम निवेश में बड़े मुनाफे का अवसर देती है, लेकिन इसके साथ उच्च जोखिम भी जुड़े होते हैं। इसलिए यह केवल उन्हीं निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो बाजार को अच्छी तरह समझते हैं और रणनीतिक तरीके से काम करते हैं।
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