एमपी के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सैलानियों को फिर नजर आया महान बाघ, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार टाइगरो का मूवमेंट बना हुआ है। पर्यटकों को रोजाना बाघ के दीदार हो रहे हैं, और पर्यटक भी यहां से खुश होकर जाते हुए भी देखे गए हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन भी इस पूरे कार्यक्रम से खुश नजर आ रहे हैं।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन भी इस पूरे कार्यक्रम से खुश नजर आ रहे हैं। उनके रुकने खाने पीने तथा बाकी सभी व्यवस्था प्रबंधन कर रहा है ताकि यहां और भी ज्यादा सैलानी आ सके।

इसी के तहत आज है पर्यटकों को मग्धी जोन में फिर से 10 वर्षीय महान जो कि एक मेल बाघ है वह दिखाई दिया। धीरे-धीरे अपनी मस्त चाल से चलता हुआ वह जंगल में विचरण कर रहा था तभी पर्यटकों को वह दिखाई दिया। पर्यटकों को आता देख महान भी धीरे-धीरे कदम बढ़ाता हुआ देखा गया। ज्यादातर जंगली जीव अब लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं लोगों की आवाजाही शुरू है ऐसे में उन पर हमले नहीं कर रहे हैं। जिसे पर्यटक खुश हैं और पर्यटकों के बीच एक अलग ही माहौल होता हुआ साफ तौर पर देखा जा सकता है।

एक समय ऐसा था जब जंगल के जानवर खूंखार और आदमखोर हुआ करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। शेर हुए चीता या हो यहां के कोई क्षेत्रीय जानवर लेकिन फिर भी ज्यादातर खूंखार अब नहीं रह गए हैं। अपना शिकार जंगल की केवल बीच में ही करते हैं मनुष्य पर वह कम ही आक्रमण करते हुए देखे जा रहे हैं।

Updated On: 24 Jan 2023 10:55 AM GMT

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रबंधन भी इस पूरे कार्यक्रम से खुश नजर आ रहे हैं। उनके रुकने खाने पीने तथा बाकी सभी व्यवस्था प्रबंधन कर रहा है ताकि यहां और भी ज्यादा सैलानी आ सके।

इसी के तहत आज है पर्यटकों को मग्धी जोन में फिर से 10 वर्षीय महान जो कि एक मेल बाघ है वह दिखाई दिया। धीरे-धीरे अपनी मस्त चाल से चलता हुआ वह जंगल में विचरण कर रहा था तभी पर्यटकों को वह दिखाई दिया। पर्यटकों को आता देख महान भी धीरे-धीरे कदम बढ़ाता हुआ देखा गया। ज्यादातर जंगली जीव अब लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं लोगों की आवाजाही शुरू है ऐसे में उन पर हमले नहीं कर रहे हैं। जिसे पर्यटक खुश हैं और पर्यटकों के बीच एक अलग ही माहौल होता हुआ साफ तौर पर देखा जा सकता है।

एक समय ऐसा था जब जंगल के जानवर खूंखार और आदमखोर हुआ करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। शेर हुए चीता या हो यहां के कोई क्षेत्रीय जानवर लेकिन फिर भी ज्यादातर खूंखार अब नहीं रह गए हैं। अपना शिकार जंगल की केवल बीच में ही करते हैं मनुष्य पर वह कम ही आक्रमण करते हुए देखे जा रहे हैं।

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