एमपी के उमरिया जिले में ट्रेन की ठोंकर से करकटी बीट से लगे राजस्व मे तेन्दुए की हुई मौत, मौके पर पंहुचा वन अमला

Umaria MP News: उमरिया जिला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है क्योंकि यहां टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया है। जंगली जानवर यहां अक्सर आए दिन देखने को मिल जाते हैं चाहे वह गांव में ही क्यों ना हो। ऐसे में जंगली जानवर एक्सीडेंट हुआ दुर्घटना का शिकार भी होते हैं और ज्यादातर यह दुर्घटना रेलवे के द्वारा होती है।

Umaria MP News: ऐसा ही एक मामला सामने आया है उमरिया जिले के करकटी बीट से लगे राजस्व मे तेन्दुए का शव मिला है। जहा रेलवे ट्रेक के डाउन लाइन के लगभग 15 मीटर दूरी पर तेन्दुए का शव दिखाई दिया। जिसकी वजह से ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मियों को सूचना दी है। जहां देरी न गवाते हुए पाली रेंजर के द्वारा अपनी टीम को खुद तो भेजा ही साथी हुए खुद मौके पर पहुंचे व शव को अपने कब्जे में लिया।

पाली रेंजर ने जानकारी देते हुए बताया है कि ट्रेन की चपेट से एक तेंदुए की मौत हो गई है। जहां पशु चिकित्सा अधिकारी पाली और घुनघुटी के द्वारा पीएम कराया गया है। वही डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि ट्रेन की ठोकर से उसके जबड़े की पसलियों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट आई थी जिसकी वजह से उसकी जान चली गई है।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

करकटी बीट का यह कोई पहला मामला नहीं है यह मामला पहले जैसा जरूर दिखाई दे रहा है पर इस तरह के मामले महीनों में होते ही रहते हैं। जिसके लिए रेंजर के द्वारा कई बार रेलवे को पत्र भी लिखा गया उन्हें कहा गया कि रेलवे ट्रैक के किनारे कुछ तार फेंसिंग बगैर है कि जाए ताकि जानवर इस तरह कारण मौत का शिकार ना हो। लेकिन अभी तक रेलवे विभाग के द्वारा कोई भी कार्यवाही इस बारे में नहीं की जा रही है।

Umaria MP News: ऐसा ही एक मामला सामने आया है उमरिया जिले के करकटी बीट से लगे राजस्व मे तेन्दुए का शव मिला है। जहा रेलवे ट्रेक के डाउन लाइन के लगभग 15 मीटर दूरी पर तेन्दुए का शव दिखाई दिया। जिसकी वजह से ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मियों को सूचना दी है। जहां देरी न गवाते हुए पाली रेंजर के द्वारा अपनी टीम को खुद तो भेजा ही साथी हुए खुद मौके पर पहुंचे व शव को अपने कब्जे में लिया।

पाली रेंजर ने जानकारी देते हुए बताया है कि ट्रेन की चपेट से एक तेंदुए की मौत हो गई है। जहां पशु चिकित्सा अधिकारी पाली और घुनघुटी के द्वारा पीएम कराया गया है। वही डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि ट्रेन की ठोकर से उसके जबड़े की पसलियों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट आई थी जिसकी वजह से उसकी जान चली गई है।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

करकटी बीट का यह कोई पहला मामला नहीं है यह मामला पहले जैसा जरूर दिखाई दे रहा है पर इस तरह के मामले महीनों में होते ही रहते हैं। जिसके लिए रेंजर के द्वारा कई बार रेलवे को पत्र भी लिखा गया उन्हें कहा गया कि रेलवे ट्रैक के किनारे कुछ तार फेंसिंग बगैर है कि जाए ताकि जानवर इस तरह कारण मौत का शिकार ना हो। लेकिन अभी तक रेलवे विभाग के द्वारा कोई भी कार्यवाही इस बारे में नहीं की जा रही है।

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