उमरिया जिले की जोधईया बाई बैगा पद्मश्री के लिए हुई नॉमिनट, मिलेगा उन्हें अब पद्मा श्री

Umaria MP News: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले भर में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के ठीक 1 दिन पहले यानी 25 जनवरी को खुशी का ठिकाना नहीं रह गया है।

Umaria MP News: कारण यह है कि जिले की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आदिवासी चित्रकार जोधईया बाई बैगा का नाम पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया गया है। जोधईया बाई का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मान पूरे जिले ही नहीं प्रदेश भर में एक गौरव है।

गौरतलब है कि जिले के लोढ़ा गांव कीआदिवासी चित्रकार जोधईया बाई बैगा 80 साल की उम्र पार कर चुकी हैं। इसके अलावा खास बात यह है कि वह अपने उम्र के अंतिम पड़ाव जब लोग सारी उम्मीदें छोड़ चुके होते हैं तब वह 60 साल की उम्र में उन्होंने बनी मजदूरी छोड़कर अपने हाथों में ब्रश और स्याही थाम लिया था, और कागज पर तस्वीरें उकेरना प्रारंभ किया था।

लेकिन यहां पर उन्हें उनके गुरु कला निकेतन से फाइन आर्ट में स्नातक आशीष स्वामी का साथ मिला। गुरु आशीष स्वामी के द्वारा जोधईया बाई की लगन और मेहनत को देखते हुए उन्होंने उसे बैगा और ट्राईबल आर्ट से संबंधित चित्र बनाने की शिक्षा-दीक्षा दी गई और देखते ही देखते चंद सालों में जोधईया बाई ने अपना नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहुंचा दिया।

चूंकि अब आशीष स्वामी इस दुनिया मे नही रहे, लेकिन उनका प्रयास और आज जोधइया बाई के माध्यम से जिले को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है। निश्चित रूप उमरिया जिला उन्हें हमेशा याद करता रहेगा। हालांकि उनका भतीजा निमिष स्वामी उनके काम और उनके सपने को आगे बढ़ा रहे है। उनके द्वारा जोधइया बाई सहित अन्य चित्रकारों का मनोबल बढ़ाते हुए उनकी हर जरूरतों को पूरा कर रहे है।

इसके पहले भी एक बार अंतर्राष्ट्रीय ट्राइबल चित्रकार जोधईया बाई बैगा का नाम पद्मश्री सम्मान के लिए भेजा जा चुका था। लेकिन किन्हीं कारणवश उनका चयन नहीं हो सका। बाद में उन्हें राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार नारी सम्मान से नवाजा गया था। उन्हें दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा नारी शक्ति सम्मान से नवाजा गया था। लेकिन उनकी मेहनत और अपने चित्रकारी के दम पर उन्होंने वह मुकाम हासिल ही कर लिया जिसकी वह असल हकदार रही है।

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