एमपी के उमरिया में वेंटिलेटर पर चल रही है लाइफ सपोर्ट सिस्टम, 108 एंबुलेंस

सरकार की महत्वाकांक्षी एंबुलेंस सेवा कर्मियों की लापरवाही से इनदिनों खुद ही बीमार हो गई है, प्रभारी हुए मदहोश, CMHO ने सुनाई खरी खोटी।

उमरिया जिला आदिवासी जिला है जिसको लेकर सरकार का भी विशेष फोकस इस जिले में रहता है, लेकिन जमीनी स्तर के सरकारी कर्मचारी सरकार के हर दिशा निर्देश को अपनी जेब में रखते हैं, बता दें कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में चार चांद लगाने के लिए प्रदेश भर में 108 एंबुलेंस सेवा शुरू की है, जिसका फायदा दूर दराज और पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मिल सके परंतु जिले की 108 एंबुलेंस सेवा स्वयं ही वेंटीलेटर पर पहुँच चुकी है, जिसके कारण गरीब तबका हलाकान और परेशान है॥ बताया जाता है कि बीते दिनों 108 एंबुलेंस को लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमे के मुखिया खासे नाराज दिखाई दिये थे, जानकारी है कि मरीज तड़प रहा था और 108 सेवा हर घंटे आने का वादा कर रही थी।

जबकि यह सेवा की अन्य वाहन जिला अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ रही हैं॥ 108 के नही आने के कारण नाराज मरीजों ने हंगामा कर दिया, इसी दौरान जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर के मेहरा व अन्य जिम्मेदार डाक्टर पहुंचे जिन्हें मरीज के परिजनों का गुस्से का सामना करना पड़ा यह बात यहीं नही रुकी सुबह का नास्ता करके आने वाले सभी डाक्टर चाय के साथ गालियां भी सुनी, जिससे नाराज सीएमएचओ ने 108 एंबुलेंस सेवा की जिम्मेदारी लेने वाले नीलेश द्विवेदी को जमकर खरी खोटी सुनाई और तत्काल ही एंबुलेंस लाने कहा, जिसके बाद वाहन आया और परिजन उससे रैफर मरीज को ले जा सके।

पूर्व कलेक्टर लिख चुके डीईओ लेटर

बताया जा रहा है कि बीते साल भर से बिगड़ी 108 एंबुलेंस की सेवा पर पूर्व कलेक्टर भी जमकर बिफरे थे, लेकिन यह समस्या जस की तस बनी रही, जिसके बाद भोपाल से एक निजी कंपनी के हाथों संचालित हो रही इस सेवा से जुड़े अधिकारियों को नीलेश द्विवेदी को हटाने डीईओ लेटर तक लिख चुके हैं, लेकिन व्यवस्था में आज तक सुधार नही आया।

24 घंटे सेवा एक ही कर्मचारी से

बताया जाता है कि नीलेश द्विवेदी को जमें रहने के पीछे का कारण दिन रात मेहनत है, बता दें कि 108 के चालक और एक एम टी डाक्टर लगातार 24 घंटे तक काम करते हैं, फिर भले ही किसी की जान चली जाये या फिर थकावट के कारण कोई सड़क दुर्घटना हो जाये॥ 108 की लचर व्यवस्था के कारण एक बार फिर संबंधित अधिकारी नीलेश को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है, लेकिन वह कहां तक सुधार करता है या फिर 108 सेवा में कब तक सुधार होता है यह देखने वाली बात होगी।

उमरिया जिला आदिवासी जिला है जिसको लेकर सरकार का भी विशेष फोकस इस जिले में रहता है, लेकिन जमीनी स्तर के सरकारी कर्मचारी सरकार के हर दिशा निर्देश को अपनी जेब में रखते हैं, बता दें कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में चार चांद लगाने के लिए प्रदेश भर में 108 एंबुलेंस सेवा शुरू की है, जिसका फायदा दूर दराज और पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मिल सके परंतु जिले की 108 एंबुलेंस सेवा स्वयं ही वेंटीलेटर पर पहुँच चुकी है, जिसके कारण गरीब तबका हलाकान और परेशान है॥ बताया जाता है कि बीते दिनों 108 एंबुलेंस को लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमे के मुखिया खासे नाराज दिखाई दिये थे, जानकारी है कि मरीज तड़प रहा था और 108 सेवा हर घंटे आने का वादा कर रही थी।

जबकि यह सेवा की अन्य वाहन जिला अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ रही हैं॥ 108 के नही आने के कारण नाराज मरीजों ने हंगामा कर दिया, इसी दौरान जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर के मेहरा व अन्य जिम्मेदार डाक्टर पहुंचे जिन्हें मरीज के परिजनों का गुस्से का सामना करना पड़ा यह बात यहीं नही रुकी सुबह का नास्ता करके आने वाले सभी डाक्टर चाय के साथ गालियां भी सुनी, जिससे नाराज सीएमएचओ ने 108 एंबुलेंस सेवा की जिम्मेदारी लेने वाले नीलेश द्विवेदी को जमकर खरी खोटी सुनाई और तत्काल ही एंबुलेंस लाने कहा, जिसके बाद वाहन आया और परिजन उससे रैफर मरीज को ले जा सके।

पूर्व कलेक्टर लिख चुके डीईओ लेटर

बताया जा रहा है कि बीते साल भर से बिगड़ी 108 एंबुलेंस की सेवा पर पूर्व कलेक्टर भी जमकर बिफरे थे, लेकिन यह समस्या जस की तस बनी रही, जिसके बाद भोपाल से एक निजी कंपनी के हाथों संचालित हो रही इस सेवा से जुड़े अधिकारियों को नीलेश द्विवेदी को हटाने डीईओ लेटर तक लिख चुके हैं, लेकिन व्यवस्था में आज तक सुधार नही आया।

24 घंटे सेवा एक ही कर्मचारी से

बताया जाता है कि नीलेश द्विवेदी को जमें रहने के पीछे का कारण दिन रात मेहनत है, बता दें कि 108 के चालक और एक एम टी डाक्टर लगातार 24 घंटे तक काम करते हैं, फिर भले ही किसी की जान चली जाये या फिर थकावट के कारण कोई सड़क दुर्घटना हो जाये॥ 108 की लचर व्यवस्था के कारण एक बार फिर संबंधित अधिकारी नीलेश को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है, लेकिन वह कहां तक सुधार करता है या फिर 108 सेवा में कब तक सुधार होता है यह देखने वाली बात होगी।

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