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- एमपी के उमरिया जिले...
एमपी के उमरिया जिले में पद्मश्री सम्मान पाने वाली महिला को नहीं दिया गया है आवास, बिना छत के रह रही हैं, पद्मश्री वाली महिला
Umaria MP News: उमरिया जिले में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद से अम्मा जोधइया बाई खुश है।

Umaria MP News: लेकिन, उन्हें इस बात का अब भी एक बात की चिंता है कि उनका पक्का आवास तक नहीं बन सका है। जबकि इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी की थी और कहा भी था। तब से अब तक एक साल बीत चुका है, बावजूद इसके अब तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई।
पूरा मामला उमरिया जिले की करकेली जनपद की लोढ़ा पंचायत में निवासरत 83 वर्षीय अम्मा जोधइया बाई को पद्मश्री दिए जाने के ऐलान के बाद एक बार फिर उनके पक्के मकान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंकर जांच शुरू कर दी है। दरअसल, पद्मश्री और नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं, और आवास योजना के लाभ के लिए भटक रही हैं। अम्मा कच्चे मकान में रह रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आवास की की थी माग
प्रधानमंत्री के नाम से आवास योजना संचालित है जहां गरीबों को पक्के घर दिए जाने का प्रावधान है लेकिन पद्मश्री से सम्मान पाने वाली जोधइया बाई के पास पक्के घर नहीं है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से भी खुलकर बात की थी उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद एक पद्मश्री अवार्डेड महिला को आवास नहीं मिल पाया है।
वहीं जब इस बारे में कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले मैं यहां नहीं था इसका मुझे पता नहीं पर अब हम कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही हम उन्हें यह योजना का लाभ दिलाएंगे।
Umaria MP News: लेकिन, उन्हें इस बात का अब भी एक बात की चिंता है कि उनका पक्का आवास तक नहीं बन सका है। जबकि इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी की थी और कहा भी था। तब से अब तक एक साल बीत चुका है, बावजूद इसके अब तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई।
पूरा मामला उमरिया जिले की करकेली जनपद की लोढ़ा पंचायत में निवासरत 83 वर्षीय अम्मा जोधइया बाई को पद्मश्री दिए जाने के ऐलान के बाद एक बार फिर उनके पक्के मकान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंकर जांच शुरू कर दी है। दरअसल, पद्मश्री और नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं, और आवास योजना के लाभ के लिए भटक रही हैं। अम्मा कच्चे मकान में रह रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आवास की की थी माग
प्रधानमंत्री के नाम से आवास योजना संचालित है जहां गरीबों को पक्के घर दिए जाने का प्रावधान है लेकिन पद्मश्री से सम्मान पाने वाली जोधइया बाई के पास पक्के घर नहीं है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से भी खुलकर बात की थी उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद एक पद्मश्री अवार्डेड महिला को आवास नहीं मिल पाया है।
वहीं जब इस बारे में कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले मैं यहां नहीं था इसका मुझे पता नहीं पर अब हम कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही हम उन्हें यह योजना का लाभ दिलाएंगे।

Umaria MP News: उमरिया जिले में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद से अम्मा जोधइया बाई खुश है।